InterviewSolution
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‘गरुड़ध्वज’ नाटक के आधार पर (नायिका) वासन्ती का चरित्र-चित्रण कीजिए। या‘गरुड़ध्वज’ के प्रमुख नारी-पात्र (नायिका) के विषय में अपने विचार प्रकट कीजिए। या‘गरुड़ध्वज’ नाटक के किसी एक नारी पात्र की चरित्रगत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। या‘गरुड़ध्वज’ नाटक के प्रमुख स्त्री-पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए। |
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Answer» वासन्ती का चरित्र-चित्रण श्री लक्ष्मीनारायण मिश्र कृत ‘गरुड़ध्वज’ नाटक की नायिका वासन्ती है। वासन्ती काशिराज की इकलौती पुत्री है। बौद्ध धर्म के अनुयायी होने के कारण वे वासन्ती का विवाह किसी राजकुल में नहीं कर पाते, अत: अपनी युवा पुत्री का विवाह शाकल के 50 वर्षीय यवन राजकुमार से निश्चित करते हैं, किन्तु इसी बीच विक्रममित्र के प्रयास से यह विवाह बीच में रोक दिया जाता है और वासन्ती को राजमहल में सुरक्षित पहुँचा दिया जाता है। बाद में वह कालिदास की प्रेयसी के रूप में हमारे सम्मुख आती है। वासन्ती के चरित्र में निम्नलिखित प्रमुख विशेषताएँ पायी जाती हैं– (1) अनुपम सुन्दरी-वासन्ती रूप और गुण दोनों में अद्वितीय है। उसका सौन्दर्य कालिदास जैसे संयमी पुरुष को भी आकर्षित कर लेता है। उसके सौन्दर्य की प्रशंसा करते हुए कुमार विषमशील कालिदास से कहते हैं और तुम्हारी वासन्ती–रूप और गुण का इतना अद्भुत मिश्रण …………..” पता नहीं, कितने कुण्ड इस पर्वतीय स्रोत के सामने फीके पड़ेंगे।” |
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