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Answer» जूनागढ़ का भारतीय संघ में विलय: - जूनागढ़ के नवाब ने पाकिस्तान के साथ विलय का पत्र भेजा, जिसे पाकिस्तान ने स्वीकार कर लिया ।
- जूनागढ़ के लोगों ने भारत में विलय हेतु मुम्बई में ‘आरजी हुकूमत’ की स्थापना की ।
- मांगरोल और माणावदर ने भारत में जुड़ने की इच्छा व्यक्त करने पर उनकी रक्षा के लिए आयोजित भारतीय सैन्य और नौसेना ने जूनागढ़ को चारों तरफ से घेर लिया ।
- जूनागढ़ का नवाब पाकिस्तान भाग गया और 9 नवम्बर, 1947 के दिन जूनागढ़ पर भारत का अधिकार हो गया ।
- लोकमत द्वारा जूनागढ़ का भारतीय संघ में विलय हुआ ।
हैदराबाद का भारत में विलय: - आजादी के बाद हैदराबाद के नवाब ने स्वतंत्र रहने का निश्चय किया । क्योंकि भौगोलिक कारणों से वह पाकिस्तान में नहीं मिल सकता था और भावनात्मक रूप से भारत में नहीं मिलना चाहता था ।
- हैदराबाद के निजाम को स्पष्ट समझाया गया कि हैदराबाद की जनता भारतीय संघ में मिले इसी से सबका भला है ।
- निजाम के अधिकारी और सेना ने प्रजा पर अत्याचार शुरू कर दिये ।
- स्थिति असहाय बनने पर भारत सरकार ने हैदराबाद में पुलिस कार्यवाही करके 18 सितंबर, 1948 के दिन भारतीय संघ में विलय कर दिया ।
- निजाम ने शरणागति स्वीकार कर ली । इस परी कार्यवाही में मुन्शी कनैयालाल की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही ।
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