InterviewSolution
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हम अपने देश के शक्तिबोध को किस प्रकार चोट पहुंचाते हैं? |
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Answer» जब हम रेलों, मुसाफिरखानों, क्लबों, चौपालों आदि सार्वजनिक स्थानों पर अपने देश की ख़ामियों का वर्णन करते हैं, दूसरे देशों की खुशहाली की प्रशंसा करते हैं, अपने देश की दयनीय दशा का वर्णन करते हैं, अपने देश को हीन तथा दूसरे देशों को श्रेष्ठ बताते हैं तो हम अपने देश के शक्ति-बोध को चोट पहुँचाते हैं। इससे हम स्वयं ही अपने देश के सामूहिक मानसिक बल को भी हीन कर देते हैं। हम अपने देश को तुच्छ तथा अन्य देशों को उच्च मानने लगते हैं। |
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