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हम बुझे हुए दिल और सूखे हुए चेहरे के साथ कहाँ स्थान नहीं प्राप्त कर सकते ?

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बुझे हुए दिल और सूखे हुए चेहरे धर्म, फिलासफी और सदाचार के प्रतीक माने जाते हैं। जिस चित्र में सूरज का चमकता हुआ मस्तक, चाँद का हंसता हुआ चेहरा, तारों की झिलमिलाती हुई आँखें, पेड़ों का नृत्य, पंछियों का संगीत, बहते हुए पानी की तरंगें तथा खिलते हुए फूलों की बहारे अपनी शोभा दिखा रही हों, वहाँ हम बुझे हुए दिल और सूखे हुए चेहरों के साथ स्थान नहीं प्राप्त कर सकते।



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