1.

हम सदैव कहते है की आभासी प्रतिबिंब को परदे पर केंद्रित नहीं किया जा सकता । यद्यपि जब हम किसी आभासी प्रतिबिंब को देखते है तो हम इसे स्वाभाविक रूप में अपनी आँख की स्क्रीन (अथार्त रेटिना ) पर लाते है। क्या इनमे कोई विरोधाभास है ?

Answer» जब अपवर्तित किरणे अपसरित होती है तब आभासी प्रतिबिम्ब बनता है। इन अपसरित किरणों को एक उपयुक्त अभिसारी लेंस के उपयोग से अभिसरित किया जा सकता है। हमारी आँख का उत्तर लेंस यही कार्य करता है। इस स्थिति में निर्मित प्रतिबिम्ब हमारे को वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाने हेतु वस्तु का कार्य करते है।


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