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हमारी संस्कृति, लोकगीत और संगीत का अटूट sambandhहै। कैसे? |
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Answer» दूसरे लोककंठ में बसे गीतों और गाथाओं, लोकाचार के क्रमों ओर लोक की मर्यादाओं का उतना ही महत्व माना जाता है, जितना शास्त्रा विधि का है। लोकाचार और लोक जीवन का अपना स्थान है। ऐसा हिंदी साहित्य के विद्वान डॉ विद्यानिवास मिश्र मानना था। दरअसल, लोक जीवन से जुड़े ये लोक गीत हमारी संस्कृति की ही संगीतमय अभिव्यक्ति हैं। |
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