InterviewSolution
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'हरि न बनाओ’ सुरसरी, कीजौ इंदव भाल।” इस कथन के पीछे निहित कवि रहीम की भावनाओं पर प्रकाश डालिए। |
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Answer» इस पंक्ति से सम्बन्धित दोहे में कवि ने माँ गंगा की स्तुति के साथ ही अपने उक्ति चमत्कार का नमूना भी प्रस्तुत किया है। गंगा का जन्म भगवान विष्णु (श्रीकृष्ण) के चरणों से माना गया है और भगवान शिव ने उन्हें अपने शीश पर धारण किया है। कवि गंगा से प्रार्थना करता है कि वह हरि (विष्णु) के स्वरूप न प्रदान करें। उन्हें भगवान शिव का मस्तक बना दें। हरि बनने पर माता- गंगा को चरणों में रखने का पाप लगेगा और शिव-मस्तक बनने पर गंगा सदा कवि के सिर पर विराजमान रहेगी। |
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