 
                 
                InterviewSolution
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    				| 1. | ईर्ष्या-द्वेष से प्रेरित निन्दकों की कैसी दशा होती है? | 
| Answer» बुरे कर्मों में लगे व्यक्ति कभी सुखी नहीं हो सकते। वही स्थिति निन्दकों की होती है। इनका अधिकांश समय ईर्ष्या, द्वेष से युक्त निन्दा करने में लगा रहता है। जैसे रात को कुत्ता चाँद को देखकर भौंकता है, वैसे ही निन्दक भौंकता है। | |