InterviewSolution
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ईया जी मनुष्य का चारित्रिक दोष क्यों माना गयाउया ईया का कोई सकारात्मक पक्ष भीविस्तार से लिखिया |
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Answer» उत्तर: जिसके मन में ईर्ष्या घर बना लेती है वह व्यक्ति अपने अभावों पर ध्यान नहीं देता वह अभावों से मुक्त होने तथा अपनी उन्नति करने का प्रयत्न भी नहीं करता। वह तो बस दूसरों की उपलब्धियों को देख- देखकर जलता है, उनकी निन्दा करता है तथा उनको हानि पहुँचाने में लगा रहता है। ईष्या के कारण उसका चरित्र कुंठित हो जाता है। Explanation: PLEASE MARK as BRAINLIEST |
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