1.

Iv) आत्मनिर्भरता व्यक्ति को विकास के मार्ग पर किस प्रकार प्रशस्त करती है?​

Answer»

ं में विश्वास करने वाला व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में कामयाब होता जाता है। सफलता स्वावलंबी मनुष्य के पैर छूती है। आत्मविश्वास तथा आत्मनिर्भरता से आत्मबल मिलता है जिससे आत्मा का विकास होता है तथा मनुष्य श्रेष्ठ कार्यों की ओर प्रवृत्त होता है। स्वावलंबन मानव में गुणों की प्रतिष्ठा करता है।

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