1.

जैसा कि आपने इस अध्याय में सीखा है , कि कोई तुल्यकाली उपग्रह पृथ्वी के पृष्ठ से लगभग 36.000 किमी ऊँचाई पर पृथ्वी कि परिक्रमा करता है । इस उपग्रह के निर्धारित स्थल पर पृथ्वी के गुरुत्व बल के कारण विभव क्या है ? (अन्नत पर स्थितिज ऊर्जा शून्य लीजिए) पृथ्वी का द्रव्यमान `=6.0xx10^(24)` किग्रा ,पृथ्वी की त्रिज्या =6400 किमी

Answer» दिया है ,
पृथ्वी की त्रिज्या `R_(e)=6400` किमी
पृथ्वी का द्रव्यमान `M_(e)=6.0xx10^(24)` किग्रा
भू -स्थिर उपग्रह की ऊँचाई h=36000 किमी
`therefore` गुरुत्वीय विभव `V=-(GM_(e))/((R_(e)+h))`
`=-(6.67xx10^(-11)xx6.0xx10^(24))/((6400+36000)xx10^(3))`
`=-(40.02xx10^(13))/(42400xx10^(3))`
`=-(40.02)/(4.24)xx10^(6)`
`=-9.43xx10^(6)J//` किग्रा


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