InterviewSolution
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जब एक धातु को `lambda` तरंगदैर्घ्य के एकवर्णी प्रकाश से प्रदीप्त किया जाता है तो प्रकाशवैधुत धारा के लिए निरोधी विभव `3V_(0)` है । इसी पृष्ठ को तरंगदैर्घ्य के प्रकाश से प्रदीप्त करने पर निरोधी विभव `V_(0)` हो जाता है। प्रकाशवैधुत उत्सर्जन के लिये देहली तरंगदैर्घ्य का मान क्या होगा |
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Answer» आइन्सटीन की पकाशवैधुत समीकरण से ` eV_(0) = K_(max) = hv- hv_(0) = hc (1/lambda - 1/lambda_(0))` `V_(0) = hc/e [ 1/lambda- 1/(lambda_(0))]` प्रथम स्थिति मे, ` 3V_(0) = (hc)/e [ 1/lambda- 1/(lambda_(0))]` द्वितीय स्थिति मे ` V_(0) = (hc)/e [1/(2lambda) - 1/(lambda_(0))]` समीकरण (1) को (2) से भाग देने पर , ` 3/1 = (1/lambda - 1/lambda_(0))/(1/(2lambda)-1/(lambda_(0)))` `3/(2lambda) - 3/(lambda_(0)) = 1/lambda - 1/(lambda_(0)) = 3/(2lambda_(0)) - 1/lambda_(0)= 3/(lambda_(0)) = 1/(lambda_(0))` `1/(2lambda) = 2/(lambda_(2)) ` अथवा ` lambda_(0)= 4lambda` |
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