1.

जब जलीय KCN के आधिक्य की किग्रा जलीय कॉपर सल्फेट विलयन से कराते है तो कौन-सा उपसहसंयोजन यौगिक बनता है ? जब इस विलयन में `H_(2)S(g)` प्रवाहित की जाती है तो कॉपर सल्फाइड का अवक्षेप प्राप्त क्यों नहीं होता ?

Answer» `Cu^(+)` आयन का सायनाइड संकर बनता है | `Cu^(2+)` आयन `Cu^(+)` आयनों में अपचयित हो जाते है |
`2CuSO_(4)+10 KCNrarrunderset("पौटेशियम टेट्रासायनो क्यूपरेट (I)")(2K_(3)[Cu(CN)_(4)])+2K_(2)SO_(4)+underset("सायनोजन")((CN)_(2))`
अभिक्रिया से संकर यौगिक `K_(3)[Cu(CN)_(4)]` बनता है | यह संकर यौगिक वियोजित होकर `Cu^(2+)" अथवा Cu^(+)` आयन नहीं देता है | इसलिए `H_(2)S` प्रवाहित करने पर CuS का अवक्षेपण नहीं होता |


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