InterviewSolution
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जब किसी फोटो केथोड पर 6000 Å तरंगदैधर्य का प्रकाश आपतित होतो है तो सरेष्ट से उत्सर्जित एलेक्ट्रोनो की अधिकतम गतिज ऊर्जा 0.46 इलेक्ट्रान वाल्ट है जब आपतित प्रकाश की तरंगदैधर्य घटाकर 5000 Å कर दी जाती है तो अधिकतम गतिज ऊर्जा बढ़कर 0.875 इलेक्ट्रान वाल्ट हो जाती है ज्ञात कीजिये (A) केथोड के सरेष्ट का करिये फलां (B) प्लांक नियतांक (C ) देहली तरंगदैधर्य |
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Answer» (A) आइन्स्टाइन की प्रकाषवैद्युत समीकरण से `K_("max")=hv-W=(hC)/(lambda)-phi_(0)` यदि `lambda_(1)` तरंगदैर्ध्य की सांगत अधिकतम गतिज ऊर्जा `K_(1)` तथा `lambda_(2)` तरंगदैर्ध्य के सांगत `K_(2)` हो तो `K_(1)=(HC)/(lambda_(1))-phi_(0) therefore + phi_(0)=(hc)/(lambda_(1))` `therefore (K_(1)+ph_(0))/(k_(2)+phi_(0))=(lambda_(2))/(lambda_(1))` मान रखने पर `(0.46 eV+phi_(0))/(0.875 eV+ phi_(0))=(5000 Å)/(6000 Å)=5/6` (B) समीकरण 1 से `h=(K_(1)+W lambda_(1))/(3xx10^(8))` `=6.64xx10^(-34)` जुल सेकंड `lambda_(0)=(hc)/(phi_(0))=(6.64xx10^(-34))xx(3xx10^(8))/(1.615xx1.6xx10^(-19))` `=7.709xx10^(-7)` मीटर =7709 Å |
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