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\'ज़बान की चाबुक \' का क्या आशय है ? त्रिलोक सिंह ने ज़बान की चाबुक क्यों लगाई ?

Answer» जब अध्यापक त्रिलोक सिंह धनराम से कहते हैं कि " तेरे दिमाग में लोहा भरा है " इस वाक्य को जुबान की चाबुक कहा गया है । जब अध्यापक जी के बार बार पूछने पर भी धनराम को पहाड़ा याद नहीं आया तब उन्होंने ऐसा कहा ।


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