InterviewSolution
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Jectप्लास्टिक.- पर्याचवरण पर खंतरासंकेत बिंदु-प्लास्टिक का जनमप्लास्टिक की उपयोगितापलासटिक से होने वाली हानियाँप्लास्टिक के पुर्नचकरणव प्लास्टिक सै धौने वाली हानियाँplz answer this q quickly |
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Answer» Answer: प्लास्टिक का हमारे पर्यावरण और सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। किस तरह प्लास्टिक हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है और प्लास्टिक के विकल्प क्या हैं आइए जानते हैं। पीने के पानी से लेकर खाने की प्लेट तक प्लास्टिक हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन गया है। प्लास्टिक सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने वाला विकल्प है। इसलिए हमारी रोजमर्रा की चीजें या तो प्लास्टिक से बनी होती हैं या उनके निर्माण में प्लास्टिक की भूमिका होती है। प्लास्ट इंडिया फाउंडेशन के मुताबिक फिलहाल भारत में 1 करोड़ 20 लाख मैट्रिक टन प्लास्टिक की खपत होती है। जिसके 2020 तक 2 करोड़ मैट्रिक टन पहुंचने की संभावना है। अकेले महाराष्ट्र में रोजाना करीब 1800 टन का प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। इस कचरे से हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। साथ ही प्लास्टिक हमारी सेहत के लिए भी हानिकारक है। प्लास्टिक के कणों से कैंसर होने का खतरा रहता है। साथ ही प्लास्टिक बैग में खाना रखने से हानिकारक तत्व जाने का भी खतरा होता है। ज्यादातर चीजों में प्लास्टिक की खपत होने की वजह से इसका इस्तेमाल पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल है। ऐसे में जरूरी है कि हम प्लास्टिक के विकल्पों पर ध्यान दें। सब्जी लेते समय हम प्लास्टिक बैग के बजाए जूट या कपड़े का बैग इस्तेमाल कर सकते हैं। प्लास्टिक प्लेट या थर्मोकॉल प्लेट भी पार्टियों में इस्तेमाल किए जाते हैं। इसकी बजाए हम पेपर प्लेट या सेरेमिक प्लेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। गर्मियों में लोगों के लिए प्लास्टिक का बोतल बंद पानी खरीदना आसान होता है। लेकिन हाल में न्यूयॉर्क स्टेट यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बोतल बंद पानी में प्लास्टिक के माइक्रो कण मिल जाते हैं जो आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं। ऐसे में घर से ही ग्लास की बोतल में पानी ले जाना बेहतर विकल्प है। या फिर स्टील की बोतल में भी पानी पी सकते हैं। ग्राहकों को चाय, शिकंजी, लस्सी, कॉफी देने के लिए दुकानदार प्लास्टिक कप के बजाए पेपर कप या कुल्हड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ-साथ प्लास्टिक को रिसाइकिल करना प्लास्टिक वेस्ट से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है। मुंबई, दिल्ली समेत कई राज्यों ने पॉलिथीन और प्लास्टिक से बनी चीजों पर रोक लगाई गई है। वातावरण को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए सरकार को कदम उठा ही रही है। लेकिन जरूरी है कि हम भी अपनी आदतों को बदलें और प्लास्टिक के दूसरे वकिल्पों को अपनी जिंदगी में अपनाएं। |
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