1.

जिनमें खड़ी पाई नहीं होती तथा वे स्वर रहित होते हैं, तो उसका रूप क्या होगा?

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मानक हिंदी वर्तनी

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Manak hindi vartani.png

हिन्दी की वर्तनी के विविध पहलुओं को लेकर १९वीं शताब्दी के अन्तिम चरण से ही विविध प्रयास होते रहे हैं। इसी तारतम्य में केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा वर्ष 2003 में देवनागरी लिपि तथा हिंदी वर्तनी के मानकीकरण के लिए अखिल भारतीय संगोष्ठी का आयोजन किया था। इस संगोष्ठी में मानक हिंदी वर्तनी के लिए निम्नलिखित नियम निर्धारित किए गए थे जिन्हें सन २०१२ में आईएस/IS 16500 : 2012 के रूप में लागू किया गया है।

हिन्दी वर्तनी के मानकीकरण का इतिहास

2. संयुक्‍त वर्ण

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

अंतिम बार 15 जून 2020 को 10:58 बजे संपादित किया गया

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