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| 1. | जल-परिवाह प्रणाली के प्रकार संक्षिप्त में समझाइए । | 
| Answer» (A) वृक्षाकार प्रणाली : मुख्य नदी और उसकी सहायक नदियाँ मिलकर जब एक वृक्ष की डालियों जैसी सुंदर रचना करती हैं, तब उसे वृक्षाकार नदी रचना कहते हैं । जैसे, गंगा । (B) जाली आकार प्रणाली : पर्वतीय प्रदेश से निकलनेवाले झरने पहाड़ी ढलान के कारण एक-दूसरे से मिलते हैं, तब उनकी रचना जाली आकार की होती है । जैसे, हिमालय की ढलानों से निकलनेवाले अनेक झरने । (C) आयताकार प्रणाली : मुख्य नदी और उसकी सहायक नदियाँ एक-दूसरे को समकोण में मिलती हों, तो इसको आयताकार रचना कहते हैं । अधिकांश: भूमिदरार में से बहनेवाली नदियाँ ऐसी रचनावाली होती हैं । जैसे, नर्मदा । (D) केन्द्रत्यागी (पर्वताकार) प्रणाली : पर्वतीय प्रदेश में एक पर्वत के चारों तरफ से झरने निकलकर चारों तरफ नदी की रचना करतें हों, तो उसे केन्द्रत्यागी पर्वताकार नदी रचना कहते हैं । जैसे – सौराष्ट्र की नदियाँ । | |