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जलीय कॉपर सल्फेट विलयन (नीला रंग) (i ) जलीय KF के साथ हरा अवक्षेप देता है तथा (ii ) जलीय KCl के साथ चमकीला हरा विलयन देता है। इन प्रयोगिक परिणामों को समझाइए ।

Answer» जलीय कॉपर सल्फेट विलयन `[Cu(H_(2)O)_(4)]SO_(4)` के रूप में स्थित रहता है तथा `[Cu(H_(2)O)_(4)]^(2+)` आयनों के कारण इसका रंग नीला होता है।
(i) जब KF विलयन मिलाया जाता है तो दुर्बल `H_(2)O ` लीगैंडस प्रबल `F^(-)` लीगैंडस के द्वारा प्रतिस्थापित हो जाते है। इस प्रकार, `[CuF_(4)]^(2-)` आयन बनते हैं, जो हरा अवक्षेप देते हैं।
`underset("आयन")underset("टेट्राएक्वाकॉपर (II)")([Cu(H_(2)O)_(4)]^(2+)) +4F^(-) to underset("( हरा अवक्षेप )")underset("टेट्राफ्लोराइडोक्यूप्रेट (II) आयन")([CuF_(4)]^(2-)+4H_(2)O)`
(ii) जब KCl विलयन मिलाया जाता है तो `Cl^(-)` लीगैंडस दुर्बल `H_(2 )O ` लीगैंडस को प्रतिस्थापित कर देते हैं और `[CuCl_(4)]^(2-)` आयन बनाते हैं, जो चमकीले हरे रंग के होते हैं।
`[Cu(H_(2)O)_(4)]^(2+) +4Cl^(-) to underset("टेट्राक्लोराइडोक्यूप्रेट (II) आयन")([CuCl_(4)]^(2-)+4H_(2)O)`


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