सर्वोत्तम कौशल्य की प्राप्ति : ऐसी संस्था उच्च कौशल्य रखती है तथा इनका लाभ धन्धाकीय इकाईयों को न्यूनतम खर्च पर मिलती है ।
स्त्रोत का महत्तम उपयोग : इसके माध्यम से महत्तम उपयोग ग्राहकलक्षी प्रवृत्तियों में कर सकते है ।
कठिन समस्याओं का निराकरण : आऊटसोर्सिंग के माध्यम से कठिन समस्याओं का निराकरण आसानी से कर सकते है ।
मुख्य कार्यों पर विशेष ध्यान : आऊटसोर्सिंग की मदद से धन्धाकीय इकाईयाँ अपने मुख्य कार्य पर विशेष ध्यान दे सकते है । जैसे कि एक स्कूल कम्प्यूटर शिक्षण, केन्टीन सुविधा, स्टेशनरी सुविधा जैसे कार्यों का आउटसोर्स करें तो संस्था के मुख्य कार्यों पर अधिक ध्यान दे सकते हैं ।
वित्त का महत्तम उपयोग : धन्धाकीय इकाईयाँ कई कार्यों का आउटसोर्सिंग करे तो कम्पनी की पूँजी ऐसे कार्यों में रोकने की आवश्यकता नहीं होती । जिसके परिणामस्वरूप धन्धाकीय इकाईयाँ विकास हेतु ऐसी पूँजी का महत्तम उपयोग कर सकते है ।
खर्च में कमी : कम्पनी की बाजार प्रक्रिया, संशोधन विकास जैसे कार्यों का आउटसोर्सिंग करने से धन्धाकीय इकाई के खर्च में कमी होती है ।
जोखिम में कमी : वर्तमान परिस्थिति में बाजार, प्रतिस्पर्धा, सरकारी नीति-नियमों व विभिन्न तकनिकों में बहुत ही तेजी से परिवर्तन आते रहते है । धन्धाकीय इकाईयों द्वारा किया हुआ निवेश उपयोगी नहीं रहता । आऊटसोर्सिंग से ऐसी जोखिम में कमी आती है ।