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(क) चोट खाकर राह चलते होश के भी होश छूटे(ख) लावण्य भार थर-थर काँपा कोमलता परसस्वर ज्यों मालकोश नव वीणा पर(ग) विमल वाणी ने वीणा ली(घ) सिर झुका तूने नियति की मान ली यह बात।स्वयं ही मुरझा गया तेरा हृदय-जलजात। inmen kon sa aalikar h |
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Answer» क. यमक ख. अनुप्रास ग. अनुप्रास |
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