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‘क’ स्तम्भे विशेषणपदं दत्तम् ‘ख’ स्तम्भे च विशेष्यपदम्। तयोर्मेलनम् कुरुत-‘क’ स्तम्भ; ख’ स्तम्भ:(1) स्वस्था (क) कृत्यम्(2) महत्तवपूर्णा (ख) पुत्री(3) जघन्यम् (ग) वृत्ति:(4) क्रीडन्ती (घ) मनोदशा(5) कुत्सिता (ड़) गोष्टी

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‘क’ स्तम्भे विशेषणपदं दत्तम् ‘ख’ स्तम्भे च विशेष्यपदम्। तयोर्मेलनम् कुरुत-

‘क’ स्तम्भ; ख’ स्तम्भ:

(1) स्वस्था  → (घ) मनोदशा

 

(2) महत्तवपूर्णा → (ड़) गोष्टी

 

(3) जघन्यम्  → (क) कृत्यम्

 

(4) क्रीडन्ती  → (ख) पुत्री

 

(5) कुत्सिता → (ग) वृत्ति:

 

 

कुछ अतिरिक्त जानकारी :

यह प्रश्न पाठ गृहं शून्यं सुतां विनि - पुत्री के बिना घर सूना है  से लिया गया है।  

यह पाठ लड़कियों की हत्या पर रोक और उनकी पढ़ाई लिखाई  कराने की प्रेरणा हेतु बनाया गया है। हमारे समाज में आज भी लड़के और लड़कियों के बीच भेदभाव की भावना आज भी समाज में विद्यमान है । हमें इस भेदभाव को दूर किए जाने की जरूरत है।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :  

उदाहरणमनुसृत्य कोष्ठकप्रदत्तेषु पदेषु तृतीयाविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत–

(क) मात्रा सह पुत्री गच्छति (मातृ)

(ख) ................ विना विद्या न लभ्यते (परिश्रम)

(ग) छात्र: ................ लिखति (लेखनी)

(घ) सूरदासः ................ अन्ध: आसीत् (नेत्र)

(ङ) सः ................ साकम् समयं यापयति। (मित्र)

brainly.in/question/17960529

 

अधोलिखितपदानां संस्कृतरूपं (तत्सम रूपं) लिखत–

(क) कोख

(ख) साथ

(ग) गोद

(घ) भाई

(ङ) कुआँ

(च) दूध

brainly.in/question/17960333



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