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काव्यांशों में प्रयुक्त अलंकार पहचानकर नाम लिखि(क) विकसे संत-सरोज सबख) प्रीति-नदी में पाँव न बोर्योग) मानो मिला मुझे मित्र परानाच) यह शिला-सा वक्ष यह चट्टान-सी मेरी भुजाएँ |
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