1.

Kabir ke dohe in hindi ​

Answer»

गुरू गोविन्द दूउ खड़े काके लागूं पाय

बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताए

सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप

जाके हीरदय साच है तकाय हिर्दाय आप

बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर

पंथी को छाया नहीं फल लगे अती दूर

ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोए

औरोन को सितल्य करे आपहू सीतल होय

काल करे सो आज कर आज करे सो अब

पल में परलय होएगी बहुरी करिगो कब

HOPE it HELPS ...........



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions