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कवि तुलसीदास जी को अपनी इन्द्रियों पर हँसी क्यों आती है |
Answer» <html><body><p><strong><a href="https://interviewquestions.tuteehub.com/tag/answer-15557" style="font-weight:bold;" target="_blank" title="Click to know more about ANSWER">ANSWER</a>:</strong></p><p>कवि को अपनी इंद्रियों पर हँसी आती है। यह इसलिए कि जब तक वह इंद्रियों के वश में था, तब तक उन्होंने उसे मनमाना नाच नचाकर उसकी बड़ी हँसी उड़ाई, परंतु अब स्वतंत्र होने पर यानी मन-इंद्रियों को जीत लेने पर उनसे वह अपनी हँसी नहीं करा रहा है। अब तो उन पर ही वह हँस रहा है</p></body></html> | |