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कभी-कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह इन वाक्यों में कुछ शब्द फ़ालतू हैं। उन्हें ढूँढ़कर अलग करो – • बाज़ार से हरा धनिया पत्ती भी ले आना। • एक पीला पका पपीता काट लो। • अरे! रस में इतनी सारी ठंडी बर्फ़ क्यों डाल दी? • ज़ेबा, बगीचे से दो ताज़े नींबू तोड़ लो। • बेकार की फ़ालतू बात मत करो।

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कभी-कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह इन वाक्यों में कुछ शब्द फ़ालतू हैं। उन्हें ढूँढ़कर अलग करो –



• बाज़ार से हरा धनिया पत्ती भी ले आना।



• एक पीला पका पपीता काट लो।



• अरे! रस में इतनी सारी ठंडी बर्फ़ क्यों डाल दी?



• ज़ेबा, बगीचे से दो ताज़े नींबू तोड़ लो।



• बेकार की फ़ालतू बात मत करो।



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