1.

(ख) संस्कृतभाषायां अनुवादं कुरुतः (संस्कृत भाषा में अनुवाद कीजिए। Translate into sanskrit) 1. अच्छा पुत्र कुल का दीपक होता है।2. प्रात:काल में दीपक सूर्य होता है।3. उदार व्यक्तियों के लिए तो पृथ्वी ही परिवार होती है।4. दोनों नेत्रों से विहीन का दर्पण क्या करेगा।​

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1. बालक विद्यालय जाता है।

बालकः विद्यालयं गच्छति।

2. झरने से अमृत को मथता है।

सागरं सुधां मथ्नाति।

3. राम के सौ रुपये चुराता है।

रामं शतं मुष्णाति।

4. राजा से क्षमा माँगता है।

नृपं क्षमां याचते।

5. सज्जन पाप से घृणा करता है।

सज्जनः पापाद् जुगुप्सते।

6. विद्यालय में लड़के और लड़कियाँ है।

विद्यालये बालकाः बालिकाश्च वर्तन्ते।

7. मैं कंघे से बाल सँवारता हूँ।

अहं कंकतेन केशप्रसाधनं करोमि।

8. बालिका जा रही है।

बालिका गच्छन्ती अस्ति।

9. यह रमेश की पुस्तक है।

इदं रमेशस्य पुस्तकम् अस्ति।

10. बालक को लड्डू अच्छा लगता है।

बालकाय मोदकं रोचते।

11. माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करना उचित है।

पितरौ गुरुजनाश्च सम्माननीयाः।

12. जो होना है सो हो, मैं उसके सामने नहीं झुकूँगा।

यद्भावी तद् भवतु, नाहं तस्य पुरः शिरोऽवनमयिष्यामि।

13. वह वानर वृक्ष से उतरकर नीचे बैठा है।

वानरः वृक्षात् अवतीर्य्य नीचैः उपविष्टोऽस्ति।

14. मेरी सब आशाओं पर पानी फिर गया।

सर्वा ममाशा मोघाः सञ्जाताः।

15. मैने सारी रात आँखों में काटी।

पर्यङ्के निषण्णस्य ममाक्ष्णोः प्रभातमासीत्।

16. गुरु से धर्म पूछता है।

उपाध्यायं/गुरुं धर्मं पृच्छति।

17. बकरी का दूध दुहता है।

अजां दुग्धं दोग्धि।

18. मन्दिर के चारों ओर भक्त है।

मन्दिरं परितः भक्ताः सन्ति।

19. इस आश्रम में ब्रह्मचारी, वानप्रस्थी और संन्यासी हैं।

ब्रह्मचारिणः वानप्रस्थाः संन्यासिनश्च अस्मिन् आश्रमे सन्ति।

20. नाई उस्तरे से बाल काटता है।

नापितः क्षुरेण केशान् वपति।

21. रंगरेज वस्त्रों को रंगता है।

रज्जकः वस्त्राणि रञ्जयति।

22. मन सत्य से शुद्ध होता है।

मनः सत्येन शुध्यति।

23. आकाश में पक्षी उड़ते हैं।

वियति (आकाशे) पक्षिणः उड्डीयन्ते।

24. उसकी मूट्ठी गर्म करो, फिर तुम्हारा काम हो जाएगा।

उत्कोचं तस्मै देहि तेन तव कार्यं सेत्स्यति।

25. कुम्भ पर्व में भारी जन सैलाब देखने योग्य है।

कुम्भपर्वणि प्रचुरो जनसञ्चारः दर्शनीयः।

26. विद्याविहीन मनुष्य और पशुओं में कोई भेद नहीं है।

विद्याविहीनानां नराणां पशूनाञ्च कोऽपि भेदो नास्ति।

27. उसकी ऐसी दशा देखकर मेरा जी भर आया।

तस्य तथावस्थामवलोक्य करुणार्द्रचेता अभवम्।

28. प्रभाकर आज मेरे घर आएगा।

प्रभाकरः अद्य मम गृहमागमिष्यति।

29. एक स्त्री जल के घड़े को लेकर पानी लेने जाती है।

एका स्त्री जलकुम्भमादाय जलमानेतुं गच्छति।

30. मैं आज नहीं पढ़ा, इसलिये मेरे पिता मुझ पर नाराज थे।



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