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खान-पान की मिश्रित संस्कृति से क्या तात्पर्य है ? इसका क्या दोष सामने आ रहा है ?​

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ANSWER:

: खान-पान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का मतलब है अनेक प्रकार के व्यंजनों का प्रयोग। जैसे हम अपने घर में इडली, डोसा, समोसा, नूडल्स, रोटी, दाल ,साग आदि अनेक प्रकार के व्यंजनों को बनाकर उनका प्रयोग करते है। ... इसलिए इसे खानपान की मिश्रित संस्कृति कहते हैं।



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