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कहानी कला की दृष्टि से मधुवा कहानी की समीक्षा कीजिए ​

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आ' कहानी में कवि श्री जयशंकर प्रसाद एक शराबी के मानवीय संवेदना की भूमिका स्पष्ट करते है। इस कहानी में शराबी अपने जीवन को मूल्यहीन मानकर मनमाने जीवन को चला रहा था। शराबी अपने पीने के इतजाम के लिए दूसरों को कहानियाँ सुनाकर उनका मन बहलाकर उनसे जो पैसे प्राप्त करता, उन पैसे को शराब (मदिरा) में उडाया करता था।



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