InterviewSolution
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खण्ड-ख 3.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।(क)हर तरह की सुख सुविधाएं पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते?(ख) पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन सी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं?(ग) लेखक को दादी मां की याद के साथ-साथ बचपन की और किन-किन बातों की याद आ जा(घ) दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गई?(इ) हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की है।(च)काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?(छ) कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?(ज) पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अली लगी।(झ) मिठाईवाला अलग-अलग चीजे क्यों बेचता था वह महीनों बाद क्यों आता था?(ट) रोहिणी को मुरली वाले के स्वर से खिलौने वाले का स्मरण क्यों हो आया?खण्ड-ग (व्याकरण)4.दिए हुए शब्दों में जातिवाचक व्यक्तिवाचक, भाववाचक संज्ञा अलग कीजिए-भारत, शहर, छात्र, चालाकी, हिमालय दिल्ली.जवाहरलाल नेहरू मिठास रामायण, बुढ़ापा5.निम्नलिखित वाक्यों में सर्वनाम छांटकर उनके भेद लिखिए।क) अपना काम स्वयं करना चाहिए।(ख) दरवाजे पर कोई खड़ा है।(ग) वह विद्यालय जाता है।(घ) तुम कब जाओगे।(इ) यह मेरी घड़ी है।6. कोष्ठक में दिए गए शब्दों से विशेषण बनाकर वाक्य पूरा कीजिए-(क) उसकी पत्नी बहुत(ख) यह तोझील है । (प्रकृति(ग) भरी सभा में दुर्योधन को -----होना पड़ा। (अपमान)(घ) स्वतंत्रता दिवस हमारापर्व है। (राष्ट्र)(इ) कल विद्यालय मेंउत्सव मनाया गया। (वर्ष)7.मुहावरे का अर्थ बताते हुए वाक्य प्रयोग कीजिए।आंख दिखाना, अंग-अंग ढीला होना, ईद का चांद होना, गुइ गो |
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Answer» पक्षी के पास पिंजरे के अंदर वे सारी सुख सुविधाएँ है जो एक सुखी जीवन जीने के लिए आवश्यक होती हैं, परन्तु हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें बंधन नहीं अपितु स्वतंत्रता पसंद है।पक्षी उन्मुक्त होकर वनों की कड़वी निबोरियाँ खाना, खुले और विस्तृत आकाश में उड़ना, नदियों का शीतल जल पीना, पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर झूलना और क्षितिज से मिलन करने की इच्छाओं को पूरी करना चाहते हैं।लेखक को अपनी दादी माँ की याद के साथ-साथ मित्रों की याद आती है, किशन भैया की शादी, गाँव की बारिश में भीगना, ज्वर का आना, दादी माँ की सेवा तथा रामी चाची की घटना भी याद आती हैदादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति इसलिए खराब हो गई क्योंकि उनके श्राद्ध में लेखक के पिताजी ने अतुल संपत्ति व्यय की और पहले का उधार लिया रूपया कोई नहीं दे रहा थाहिमालय की यात्रा में लेखक ने हिमालय की अनुपम छटा की, नदियों की अठखेलियों की, बरफ से ढँकी पहाड़ियों की, पेड़-पौधों से भरी घाटियों की, देवदार, चीड, सरो, चिनार, सफैदा, कैल से भरे जंगलों की प्रशंसा की है। |
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