1.

किन्हीं दो अलिंगी सूत्री आनुवंशिक विकारों का उनके लक्षणों सहित उल्लेख करो ।

Answer» दाब कोशिका - अरक्तता ( सिकल सेल एनीमिया ) - यह अलिंग क्रोमोसोम लग्न अप्रभावी लक्षण है जो जनकों से संतति में तभी प्रवेश करता है जबकि दोनों जनक जीन के वाहक होते है ( विषमयुग्मजी ) । इस रोग का नियंत्रण एलील का एकल जोड़ा `Hb^(A) " और " Hb^(s)`करता है । रोग का लक्षण ( फीनोटाइप ) तीन सम्भव जीनोटाइपों में से केवल `Hb^(s)(Hb^(s)Hb^(s))` वाले समयुग्मकी व्यक्तियों में दर्शित होता है । विषमयुग्मकी `(Hb^(A)Hb^(s))` व्यक्ति रोगमुक्त होते है लेकिन वे रोग के वाहक होते है ।
इस विकार का कारण हीमोग्लोबिन अणु की बीटा ग्लोबिन श्रृंखला की छठी स्थिति में एक अमीनो अम्ल ग्लूटैमिक अम्ल (Glutamic acid) का वैलीन द्वारा प्रतिस्थापन है । ग्लोबिन प्रोटीन में अमीनो अम्ल का यह प्रतिस्थापन यह । ग्लोबिन प्रोटीन में अमीनो अम्ल का यह प्रतिस्थापन बीटा ग्लोबिन जीन के छठे कोडान में GAG का GUG द्वारा प्रतिस्थापन के कारण होता है । निम्न ऑक्सीजन तनाव में उत्परिवर्तित हीमोग्लोबिन दात्राकार ( हँसिए के आहार का ) हो जाता है ।
2. फिनाइल कीटोनूरिया - यह जन्मजात उपापचयी दोष भी अलिंग क्रोमोसोम अप्रभावी लक्षण की भाँति ही वंशागति प्रदर्शित करती है । रोगी व्यक्ति में फिनाइल ऐलेनीन अमीनो अम्ल को टाइरोसीन अमीनो अम्ल में बदलने के लिए आवश्यक एक एंजाइम की कमी हो जाती है । परिणामस्वरूप फिनाइल ऐलेनीन एकत्रित होता जाता है और फिनाइल पाइरुविक अम्ल तथा अन्य व्युत्पन्नों में बदलता जाता है । इनके एकत्रीकरण से मानसिक दुर्बलता आ जाती है । वृक्क द्वारा कम अवशोषित हो सकने के कारण ये मूत्र के साथ उत्सर्जित हो जाते है ।


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