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किस स्थिति में विकास कार्य आपदा का कारण बन सकता है? |
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Answer» भूमण्डलीकरण के वर्तमान दौर में ही नहीं वरन् अन्य स्थितियों में भी सामाजिक प्रगति और आर्थिक विकास हेतु विभिन्न विकास कार्य अत्यन्त आवश्यक हैं, किन्तु संकटं या आपदाओं की अनदेखी करके विकास कार्यों को करते रहना अत्यन्त घातक एवं मूर्खतापूर्ण निर्णय कहलाता है। इस परिप्रेक्ष्य में कभी-कभी विभिन्न विकास कार्य आपदा का कारण बन जाते हैं। इस सम्बन्ध में निम्नलिखित तथ्य उल्लेखनीय हैं 1. मानव द्वारा बाँध आदि का निर्माण जो सिंचाई तथा विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है। यदि बाँध की ऊँचाई बढ़ाई जाती है तो इसके टूटने से बाढ़ आपदा का संकट उत्पन्न हो सकता है। 2. पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण यद्यपि आवश्यक है, किन्तु तीव्र ढाल वाले क्षेत्रों को काटकर सड़कें बनाई जाती हैं तथा ढाल के किनारे भूस्खलने अवरोधी दीवारों का निर्माण नहीं किया जाता है तो भू-स्खलन की विपत्ति का सामना करना पड़ सकता है। 3. बढ़ती हुई जनसंख्या की खाद्य आपूर्ति के लिए जंगलों का बेरहमी से विनाश करना तथा अनियोजित तरीके से लगातार भूमि उपयोग करते रहना वन, जल, वन्य-जीव आदि प्राकृतिक 4. तीव्र औद्योगिकीकरण आर्थिक विकास के लिए अविश्यक है, परन्तु इनसे निकलने वाली गैसें; जैसे–CFCs आदि को यदि इसी प्रकार वायुमण्डल में छोड़ा जाता रहा तो वायु-प्रदूषण की 5. परमाणु ऊर्जा, जिसे वर्तमान में विकास के लिए आवश्यक समझा जाता है, के उत्पादन में मानवीय | असावधानी के करिणं रूस की वाणु संयन्त्र में दुर्घटनाओं के समान होने वाली घटनाओं में वृद्धि होती रहेगी। |
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