1.

किस तरह के लोगों को गुरु-शिष्य परंपरा की महिमा समझाना व्यर्थ है?

Answer»

भारतवासियों को अपने यहाँ की चीजों में खूबसूरती दिखाई नहीं देती पर पराए देशों की सुंदरता पर वे मुग्ध हो जाते हैं। जिस देश में ज्ञान पाने के लिए मैक्समूलर ने जीवनभर प्रार्थना की, उस देश के लोग जर्मनी और विलायत जाने में स्वर्ग जैसा सुख अनुभव करते हैं। लेखक कहते हैं कि ऐसे लोगों को भारतीय गुरु-शिष्य परंपरा की महिमा समझाना व्यर्थ है।



Discussion

No Comment Found