| Answer» कर का अर्थ – कर एक अनिवार्य अंशदान है जो करदाता सरकार को देता है, करदातों को कर के बदले में प्रत्यक्ष लाभ का कोई आश्वासन नहीं दिया जाता है। करों का उपयोग सार्वजनिक हित में किया जाता है। कर की प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैंडॉ० डाल्टन के अनुसार, “कर किसी सार्वजनिक सत्ता द्वारा लगाया हुआ एक अनिवार्य अंशदान है, चाहे इसके बदले में करदाता को उसकी सेवाएँ प्रदान की गयी हों अथवा नहीं। यह कर किसी कानूनी अपराध की संज्ञा के रूप में नहीं लगाया जाता है।”
 प्रो० टेलर के शब्दों में, “वे अनिवार्य भुगतान जो सरकार को बिना किसी प्रत्यक्ष लाभ की आशा में करदाता द्वारा दिये जाते हैं, कर हैं।’
 फिण्डले शिराज के अनुसार, “कर सरकारी अधिकारियों द्वारा वसूल किये जाने वाले वे अनिवार्य अंशदान हैं जो सार्वजनिक व्यय को पूरा करने के लिए वसूल किये जाते हैं और जिनका किसी विशेष लाभ से कोई सम्बन्ध नहीं होता।”
 कर के लक्ष्ण अथ्वा विशेषताएँउपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर कर में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं
 ⦁     कर एक अनिवार्य अंशदान या भुगतान है जिसका भुगतान करदाता को अवश्य करना पड़ता है।
 ⦁    सरकार द्वारा कर से प्राप्त आय का प्रयोग सार्वजनिक हित के लिए किया जाता है।
 ⦁    सरकार करदाता को कर के बदले में प्रत्यक्ष लाभ प्रदान करने का कोई आश्वासने नहीं देती है। अर्थात् यह आवश्यक नहीं कि करदाता को उसी अनुपात से लाभ हो, जिस अनुपात में उसने कर दिये हैं।
 ⦁     करों के भुगतान में करदाता को त्याग करना पड़ता है।
 ⦁    सरकार सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने हेतु अतिरिक्त करारोपण कर सकती है; जैसे-शराब, अफीम आदि मादक पदार्थों पर रोक लगाने हेतु।
 ⦁     सरकार समाज में धन के समान वितरण हेतु करारोपण में वृद्धि एवं कमी कर सकती है।
 एक अच्छी कर-प्रणाली के गुण विशेषताएँएक अच्छी कर-प्रणाली में निम्नलिखित गुण होने चाहिए
 ⦁     कर-प्रणाली सरल एवं सुविधाजनक होनी चाहिए, जिससे करदाता को कर का भुगतान करने में मानसिक कष्ट न हो।
 ⦁     एक अच्छी कर-प्रणाली अधिकतम सामाजिक लाभ के सिद्धान्त पर आधारित होती है।
 ⦁     कर-प्रणाली प्रगतिशील होनी चाहिए! अर्थात् कर-प्रणाली ऐसी हो जिससे कर का भार धनी वर्ग पर अधिक व निर्धन वर्ग पर कम पड़े।
 ⦁    एक अच्छी कर-प्रणाली में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के करों का समावेश होता है।
 ⦁    एक अच्छी कर-प्रणाली में लोच का गुण पाया जाता है। अर्थात् आवश्यकतानुसार करों की मात्रा में वृद्धि व कमी की जा सके।
 ⦁     कर-प्रणाली मितव्ययी होनी चाहिए।
 ⦁     एक अच्छी कर-प्रणाली विलासिता एवं मादक वस्तुओं के उपभोग को हतोत्साहित करती है।
 ⦁    बचत एवं पूँजी-निर्माण को प्रोत्साहित करना अच्छी कर-प्रणाली का गुण है।
 ⦁    एक अच्छी कर-प्रणाली आर्थिक विकास को गति प्रदान करती है।
 ⦁     एक अच्छी कर-प्रणाली में उत्पादकता का गुण होता है।
 ⦁     एक अच्छी कर-प्रणाली में करों का भार समाज पर कम पड़ता है।
 ⦁     कर-प्रणाली में निश्चितता का गुण भी होना चाहिए।
 अत: एक अच्छी कर-प्रणाली के लिए आवश्यक है कि उसमें करारोपण के आधारभूत सिद्धान्तों; जैसे- समानता, निश्चितता, मितव्ययिता, सुविधा, लोच, उत्पादकता आदि गुणों का होना आवश्यक है।
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