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Answer» सामान्य अर्थ में कर्मचारी व्यवस्था अर्थात् इकाई के लिए कर्मचारियों को प्राप्त करना, देखरेख रखना और उनकी सुरक्षा के साथ सम्बन्ध रखते है। विशाल अर्थ में कर्मचारी व्यवस्था अर्थात् कर्मचारियों की भर्ती, चयन, प्रशिक्षण, पदोन्नति और उनकी निवृत्ति के पश्चात् के कार्यों का समावेश होता है । लक्षण (Characteristics) : कर्मचारी व्यवस्था के लक्षण निम्न है : - संचालन का महत्त्वपूर्ण कार्य : संचालन के विभिन्न कार्य जैसे कि आयोजन, व्यवस्थातंत्र, मार्गदर्शन, संकलन और नियंत्रण की
तरह ही कर्मचारी व्यवस्था संचालन का महत्त्वपूर्ण कार्य है । - स्थायी प्रक्रिया : किसी भी इकाई का अस्तित्व कर्मचारी बिना सम्भव नहीं होता । इकाई की प्रवृत्तियाँ जब तक चालू रहती है
वहाँ तक कर्मचारी भी रहेंगे तथा कर्मचारी व्यवस्था का अस्तित्व भी रहेगा । अत: कर्मचारी व्यवस्था स्थायी प्रक्रिया है । - मानवीय सम्बन्ध : कर्मचारी व्यवस्था का उद्देश्य योग्य कर्मचारियों को प्राप्त करके उनका इकाई में श्रेष्ठ उपयोग करना है । कर्मचारी उत्पादन का एक मात्र जीवंत साधन है । उनका लगाव व स्वमान है । उनके साथ मानवता भरा व्यवहार इच्छित है । जिससे वह मानव के साथ सम्बन्ध रखता है ।
- गतिशील प्रवृत्तियाँ : योग्य कर्मचारी व्यवस्था के कारण ही इकाई की प्रत्येक प्रवृत्तियों को गतिशील बनाते है ।
- संचालन के अन्य कार्यों के साथ सम्बन्ध : संचालन के अन्य कार्य जैसे कि आयोजन, व्यवस्थातंत्र, मार्गदर्शन, संकलन और नियंत्रण के साथ कर्मचारी व्यवस्था सम्बन्ध रखते है ।
- विशाल प्रवृत्ति : कर्मचारी व्यवस्था यह केवल कर्मचारी कल्याण की प्रवृत्ति नहीं बल्कि, कर्मचारियों को प्राप्त करना, देखरेख्न रखना व उनके विकास करने का कार्य करते है ।
- पूँजी निवेश : कर्मचारियों की भर्ती, चयन, प्रशिक्षण और विकास के लिए किया गया खर्च धन्धे के लिए खर्च नहीं बल्कि पूँजी निवेश माना जाता है ।
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