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कवि ने ‘महामेघ को झंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है' क्यों कहा है? |
Answer» ‘महामेघ को झंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है' इन पंक्तियों में लेखक ने उल्लेख किया है कि बादल तेजी से हवा के साथ टकराते हैं और एक भयानक ध्वनि बनाते हैं।Explanation: "1) इन पंक्तियों में लेखक ने उल्लेख किया है कि तूफ़ान के दौरान बादल गर्जना करता है। 2) बादल तेजी से हवा के साथ टकराते हैं और एक भयानक ध्वनि बनाते हैं। जैसे वे सब आपस में लड़ रहे हों। 3) हिमालय के शीर्ष पर यह तूफान में होता है। तो कवि कहता है कि कवि ने ‘महामेघ को झंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है' कहा है?।" |
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