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कविता में कवि की कल्पना और भावुकता का वर्णन कीजिए।

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कवि देखते हैं कि मानसरोवर झील पर पावस ऋतु के बादल छाए हुए हैं। उनसे गिरते जलकण कवि को मोती जैसे लगते हैं। हिमालय की पहाड़ियों पर कई छोटी-मोटी झोले हैं। कवि उन झीलों में तैरते हुए हंसों को देखता है। वह कल्पना करता है कि शायद वर्षाऋतु की उमस से व्याकुल होकर वे हंस अपनी तपन मिटाने के लिए उन झीलों में तैरने आए हों और कमलनाल के तीखे-मीठे तंतु खोज रहे हों। रात के समय का चकवा-चकवी का वियोग कवि को भावुक बना देवा है। उसे लगता है, यह कैसा शाप है, जिसके कारण वे रात में एक-दूसरे से अलग रहने के लिए विवश हो जाते हैं। सुबह होते उन वियोगी पक्षियों के क्रंदन की समाप्ति और फिर उनका मिलन कवि की भावना को आनंद प्रदान करता है।



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