1.

क्या चिंतन भाषा के बिना होता है? परिचर्चा कीजिए।

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ANSWER:

हाँ! एक इंसान आगर चिंतन करना चाहता हो तो उसे किसी भी प्रकार की भाषा का सहारा नहीं लगता है। क्योंकि चिंतन मन की शांति के लिए होता है और किसी भाषा या बोली से एक मानव को कभी शांति नहीं मिल सकती हैं।

EXPLANATION:

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