InterviewSolution
Saved Bookmarks
| 1. |
क्या ही तवच्छ चााँदनी है यहहै क्या ही द्वनततब्क द्वनशा ।है तवच्छंद- सुमंद गंक वहद्वनरानंद हैकौन द्वदशा ?उियुसक्त िद्यांश का भावािस द्वलद्वखए । |
|
Answer» क्या ही तवच्छ चााँदनी है यह है क्या ही द्वनततब्क द्वनशा । है तवच्छंद- सुमंद गंक वह द्वनरानंद हैकौन द्वदशा ? भावार्थ — यह पंक्तियाँ चारु चंद्र की चंचल किरणें कविता से ली गई है | यह कविता मैथिली शरण गुप्त’ द्वारा लिखी गई है| इन पंक्तियों में पंचवटी के चारों और प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया है| यहाँ पर स्वच्छ और निर्मल चांदनी है। चारों तरह वातावरण शांत सा महसूस हो रहा है और अच्छी खुशबू दिशाओं में महक रही है| पंचवटी में चारों और स्वच्छ वातावरण फैला हुआ है| सब जगह एकांत और चुप्पी है, फिर भी सब अपना कर्तव्य का पालन कर रहे हैं। यहाँ पर कितनी शांति अच्छी खुशबू चारों दिशाओं में महक रही है। |
|