| Answer» रिकार्डों के अनुसार, केवल भूमि ही लगान प्राप्त कर सकती है, क्योंकि भूमि में कुछ ऐसी विशेषताएँ पायी जाती हैं जो अन्य साधनों में नहीं होतीं; जैसे-भूमि प्रकृति का नि:शुल्क उपहार है। अर्थात् समाज के लिए भूमि की उत्पादन लागत शून्य होती है। भूमि सीमित होती है और समाज की दृष्टि से उसकी कुल मात्रा को घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता। सीमितता केवल भूमि की ही विशेषता है जो उसे उत्पत्ति के अन्य साधनों से अलग कर देती है।आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार लगान अवसर लागत (Opportunity cost) पर अतिरेक है जो उत्पत्ति के किसी भी साधन को प्राप्त हो सकता है। जिस साधन की पूर्ति बेलोचदार हो जाती है। वही साधन लगान प्राप्त करने लगता है।
 लगान के आधुनिक सिद्धान्त के अनुसार किसी साधन को लगान उसकी दुर्लभता के कारण प्राप्त होता है। लगान केवल भूमि की विशेषता नहीं है, बल्कि वह अन्य उत्पत्ति के साधनों को मिल सकता है। आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार, अन्य साधन भूमि की भाँति सीमितता (Limitedness) अथवा भूमि तत्त्व (Land element) को प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए लगान उन्हें भी प्राप्त हो सकता है।
 प्रो० मार्शल ने योग्यता के लगान का विश्लेषण करके लगान के विचार को विस्तृत कर दिया है। प्राचीन अर्थशास्त्री यह समझते थे कि लगान केवल भूमि के सम्बन्ध में ही उत्पन्न होता है, किन्तु मार्शल के अनुसार, लगान कई प्रकार के हो सकते हैं और भूमि का लगान उसका एक विशेष उदाहरण है। इस प्रकार, प्रो० मार्शल ने योग्यता के लगान का विचार देकर लगान के आधुनिक सिद्धान्त की नींव डाली। योग्यता का लगान का विचार हमें यह बताता है कि मनुष्य में भी भूमि (Land) का कुछ अंश पाया जाता है। मनुष्य की प्राकृतिक योग्यता एक प्रकार से भूमि ही है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि केवल भूमिपति ही अतिरेक आय प्राप्त नहीं करता, बल्कि उत्पत्ति के अन्य साधनों को भी इस प्रकार की आय प्राप्त हो सकती है। अत: लगान केवल भूमि को ही प्राप्त नहीं होता है, बल्कि उत्पादन के अन्य उपादानों श्रमिकों, पूंजीपतियों तथा उद्यमियों आदि को भी प्राप्त होता है।
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