1.

क्या, मनुष्य से आएक महात्व कमलदान का है?answer with explanation​

Answer»

ANSWER:

यश है या न वैभव है, मान है न सरमाया;

जितना ही दौड़ा तू इतना ही भरमाया।

प्रभुता का शरण बिंब केवल मृगतृष्णा है,

हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है।

जो है यथार्थ कठिन उसका तू कर पूजन

छाया मत छूना मन, होगा दुःख दूना।।

क) कवि ने यश ,वैभव ,मान-सम्मान आदि को किसके समान बताया है? कवि बीते समय को याद करने के लिए मना क्यों करता है?

ख) कवि ने दुःख भरी कठिन परिस्थितियों व जीवन की सच्चाइयों के बारे में क्या कहा है तथा मनुष्य को क्या संदेश दिया है?

ग) कवि के अनुसार किस लोक में विचरने का कोई लाभ नहीं है?



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions