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| 1. | क्या साम्राज्यवाद का ही नया नाम वैश्वीकरण नहीं है? हमें नये नाम की जरूरत क्यों है? | 
| Answer» वैश्वीकरण, साम्राज्यवाद नहीं है। साम्राज्यवाद में राजनीतिक प्रभाव मुख्य रहता है। इसमें एक शक्तिशाली देश दूसरे देशों पर अधिकार करके उनके संसाधनों का अपने हित में शोषण करता है। यह एक जबरन चलने वाली प्रक्रिया है। लेकिन वैश्वीकरण एक बहुआयामी अवधारणा है। इसके राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक आयाम हैं। इसमें विचारों, पूँजी, वस्तुओं और व्यापार तथा बेहतर आजीविका का प्रवाह पूरी दुनिया में तीव्र हो जाता है। इन प्रवाहों की निरन्तरता से विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव बढ़ रहा है तथा किसी राज्य की सम्प्रभुता को कोई चुनौती नहीं मिली है। अतः स्पष्ट है कि वैश्वीकरण साम्राज्यवाद से भिन्न तथा बहुआयामी प्रक्रिया है, इसलिए हमें इसके लिए नए नाम की आवश्यकता पड़ी है। | |