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    				| 1. | L-C परिपथ में दोलन क्यों अवमंदित होते है ? ट्रान्जिस्टर के रूप में इनका दोलन आयाम कैसे नियत रखा जाता है ? | 
| Answer» L-C परिपथ में सर्वप्रथम संधरित्र आवेशित होता है ओर फिर से प्रेरकत्व द्वारा विसर्जित होता है । संधारित्र की विधुत ऊर्जा प्रेरकत्व की चुम्बकीय ऊर्जा में तथा प्रेरकत्व की चुम्बकीय ऊर्जा में तथा प्रेरकत्व की चुम्बकीय ऊर्जा संधारित्र की विधुत ऊर्जा में परिवर्तित होती रहती है । परिपथ के प्रतिरोध के कारण दोलन का आयाम लगातार घटता जाता है । दोलन आयाम को नियत रखने के लिए ऊर्जा में क्षति की पूर्ति ट्रान्जिस्टर की सहायता से उसके साथ लगे दिष्ट धारा स्त्रोत से की जाती है । | |