1.

लहराते देखेत हर्गों मेंहुआ बेदखल वह अब जिनसे,हँसती थी उसके जीवन कीहरियाली जिनके तृन-तृन से।आँखों ही में घूमा करतावह उसकी आँखों का तारा,कारखों की लाटी से जोगया जवानी ही में मारा। (१) खेती के कारण किसान का जीवन कैसा था? pls answer​

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VAH wah LAJAWAB BAHUT KHUB



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