1.

लीचिंग क्या है? एक उदाहरण द्वारा समझाइए। 

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यह विधि रासायनिक परिवर्तन पर आधारित है। इसके अन्तर्गत बारीक पिसे अयस्क को उचित अभिकर्मक के साथ क्रिया कराते हैं। जिससे विलयन की अवस्था में परिवर्तन आ जाता है तथा अशुद्धियाँ ठोस अवस्था में रह जाती हैं। उदाहरण– बॉक्साइट अयस्क को सान्द्रण करने के लिए Al2O5 . 2H2O की क्रिया NaOH से कराने पर NaAlO2 बन जाता है जो जल में विलेय है और अशुद्धियाँ; जैसे- सिलिका, Fe2O3 नीचे ठोस के रूप में अवक्षिप्त हो जाती हैं। 

Al2O3 . 2H2O + 2 NaOH → 2 NaAlO2 + 3 H2

NaAlO2 + 2H2O → Al(OH)3 + NaOH



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