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Lockdown की आवयसकता बताते हुए किसी समाचार पत्र के संपदाक को पत्र लिखये ?

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भोपाल। कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी युद्ध में जहाँ सरकारें अपने अपने स्तर पर प्रयासों में लगी है। वही 14 अप्रैल 2020 तक 21 दिनों के लॉक डाउन ने कुछ लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। जिसमें कुछ लोग फंसकर रह गए है। मामला भोपाल के एक समाचार पत्र में स्थानीय संपादक का है। जो 12 मार्च को अपनी भांजी की शादी में शामिल होने पंजाब में अमृतसर के पास अजनाला शहर गए थे। जहाँ वह लॉक डाउन में फंस कर रह गए है। इनके साथ पत्नी और दो बच्चे भी इस लॉकडाउन में फंस गए है।

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भोपाल में दैनिक समाचार पत्र नव भारत में स्थानीय संपादक के तौर पर कार्यरत पवन शर्मा ने बताया कि वह भांजी की शादी में अजनाला पंजाब अपनी बहिन के घर आए थे। उस समय लॉक डाउन और कर्फ्यू जैसी कोई स्थिति नहीं थी। वह पत्नी सहित दो बच्चों के साथ शादी समारोह में पहुँचे थे, जिसकी रिशेप्शन पार्टी 25 मार्च को होनी थी। लेकिन अचानक बदले महौल से जहाँ समारोह रद्द हो गया और वह भी यहाँ फंस गए है। जबकि उनकी बड़ी बेटी 19 मार्च को भोपाल के लिए निकल गई थी जो सुरक्षित अपने घर विश्वकर्मा नगर, निशादपुरा थाना अंतर्गत पहुँच गई है। उससे वह फोन पर संपर्क में है।

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पवन शर्मा ने बताया कि उन्होने अपनी सहायता के लिए भोपाल कलेक्टर तरूण पिथोडे और कई स्थानीय लोगों से संपर्क किया है। लेकिन जहाँ भोपाल कलेक्टर के दोनों नम्बर नहीं उठ रहे, वही स्थानीय लोगों से भी कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है। भोपाल में बड़ी बेटी अकेली है, जिसकी चिंता भी सता रही है। वही यहाँ से कैसे निकला जाए इसको लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। पवन शर्मा का कहना है कि कर्फ्यू और लॉक डाउन के दौरान कोई भी उनकी सहायता को आगे नहीं आ रहा है। जबकि वह एक जागरूक नागरिक के नाते प्रशासन और सरकार का पूरा सहयोग करने के लिए तत्पर्य है।



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