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माँ की तरह हमपरप्यार लुटाती है प्रकृति ।बिना माँगे हमें कितनाकुछ देती जाती है प्रकृति ।दिन में सूरज की रोशनी देती, ,रात में शीतल चाँदनी लाती,जल से हमारी प्यास बुझाती,दिन रात प्राणदायिनी हवा चलाती,मुफ़्त में हमें ढेरों साधन उपलब्ध कराती है प्रकृति ।पदांश का भावथ लिखिए |
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