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‘मानस को हंस’ पाठ का मुख्य कथ्य क्या है?

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इस अंश में तुलसीदास का अन्तर्द्वन्द्व, तत्कालीन समाज की मन:स्थिति तथा रत्नावली की त्यागमयी प्रतिमूर्ति का दिग्दर्शन है। तुलसीदास को राम भक्ति के शिखर पुरुष के रूप में दिखाया गया है। तुलसीदास के हृदय में.रत्नावली के प्रति स्नेह है और उसके परित्याग का पश्चात्ताप भी है। उनके मार्ग में रत्नावली बाधक नहीं बनती बल्कि तपस्विनी भारतीय नारी के समान उनका साथ देती है। तुलसीदास ने लोक-कल्याण के लिए वैराग्यमय जीवन का अनुसरण किया है। इस सारी बातों का चित्रण ही इस पाठ को कथ्य है।



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