1.

मानसून की स्वेच्छाचारिता तथा अनिश्चितता को चार उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।

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मानसून की स्वेच्छाचारिता तथा अनिश्चितता से अभिप्राय यह है कि भारत में न तो मानसूनी वर्षा की मात्रा निश्चित है और न ही इसके आगमन का समय। उदाहरण के लिए-

  1. यहां बिना वर्षा वाले तथा वर्षा वाले दिनों की संख्या घटती-बढ़ती रहती है।
  2. किसी वर्ष भारी वर्षा होती है तो कभी हल्की। परिणामस्वरूप कभी बाढ़ आती है तो किसी वर्ष सूखा पड़ जाता है।
  3. मानसून का आगमन और वापसी भी अनियमित तथा अनिश्चित है।
  4. इसी प्रकार कुछ क्षेत्र भारी वर्षा प्राप्त करते हैं, तो कुछ क्षेत्र बिल्कुल शुष्क रह जाते हैं।


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