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महाभारत समाज में पुरुष प्रधान समाज साथिन तर्क दें |
Answer» <html><body><p><strong><a href="https://interviewquestions.tuteehub.com/tag/answer-15557" style="font-weight:bold;" target="_blank" title="Click to know more about ANSWER">ANSWER</a>:</strong></p><p>भारत के बाहर रहने वालो को अक्सर ही परिवार की याद, मिट्टी से प्यार, त्योहारो की खुशबू अपने देश खिच लाती है। परंतु पिछले वर्ष समाचार मे सुना की एक और कारण है जो हम भारतीयो को अपने देश मे खिच लाता है। वह है हत्या करने की छुट, चुकी भारत के बाहर आपको किसी भी कीमत पर अपने होने वाली बच्ची को मारने का अधिकार नहीं है। परंतु यह काम अपने देश मे किसी भी गली मे आपके बजट के आधार पर काफी सरलता से उपलब्ध है। आजादी के <a href="https://interviewquestions.tuteehub.com/tag/65-331005" style="font-weight:bold;" target="_blank" title="Click to know more about 65">65</a> वर्ष हो चुके है, हमने प्रगति की है, इस बात को नकारा नहीं जा सकता, परंतु आपको क्या लगता है, क्या इन 65 वर्षो मे हमने अपने अंदर के इंसान को जिंदा रखा है। यदि आप किसी भी विषय पर बात करना चाहेंगे तो पाएंगे की समाज का <a href="https://interviewquestions.tuteehub.com/tag/70-333629" style="font-weight:bold;" target="_blank" title="Click to know more about 70">70</a>% हिस्सा सिर्फ और सिर्फ नकरत्मक बातों पर तर्क देते हुए मिलेगा। हम किस कदर दोगले है, इस बात को कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति आसानी से समझ सकता है। हमे अपनी बेटी घर की कार ड्राइविंग करते हुए बहुत अच्छी लगती है, परंतु यदि दूसरे की बेटी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की गाड़िया चलाते हुए मिले तो उससे बुरा काम शायद हमारे लिए दुनिया मे कोई नहीं है। हम भ्रष्टाचार पर लंबे लंबे भाषण देते हुए मिलेंगे परंतु जब उसका पालन करने की बात आई तो हम लाइन मे कही नहीं दिखेंगे। हमारे देश के एक बढ़े विद्वान माने जाते है, उनसे पूछा गया की एक व्यक्ति एक से ज्यादा महिलाओ से शादी कर सकता है, तो वो इतिहास बताने लगे सभी धर्मो का तथा उनका कहना था की महिलाए पुरुषो से ज्यादा थी इस कारण यह चलन चालू हुआ तो अब मै उनसे पुछना चाहता हु अब तो हमारे देश मे महिलाए पुरुषो से कम है, तो क्या आप इसके उल्टे की कल्पना ही कर सकते है। नहीं कभी नहीं। यदि इतिहास मे गलत हुआ तो इसका अर्थ यह नहीं होता की हम उस गलती को अपना गरिमामय इतिहास बताकर और उस गलती को दोहराते जाये। हमारा महिलाओ पर अत्यधिक बंदिशे लगाना परोक्ष या अपरोक्ष रूप से यह साबित करता है की पुरुष की मानाशिकता महिलाओ के प्रति उचित नहीं है। और एक पुरुष होने के नाते हम उस मानशिकता को अनवरत जारी रखे हुए है। </p></body></html> | |